केंद्र ने पेंशन नियमों में बदलाव किया है। इससे रिटायरमेंट के वक्त पेंशन कम्युट करने का विकल्प चुनने वाले पेंशनधारकों को सेवानिवृत्ति के 15 साल बाद फुल पेंशन की व्यवस्था फिर से लागू होगी। इस फैसले से 26 सितंबर, 2008 से पहले रिटायर होने वाले 6.3 लाख पेंशनधारकों को फायदा होगा। 20 फरवरी, 2020 को जारी नई अधिसूचना से ईपीएफओ के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के 15 साल बाद फुल पेंशन की व्यवस्था पुनः लागू हो जाएगी। अगर कोई कर्मचारी 1 अप्रैल 2005 को रिटायर करता है तो वह 15 साल बाद यानी 1 अप्रैल 2020 से उसे ज्यादा पेंशन मिलेगी।
फिलहाल कम्युटेशन का विकल्प नहीं
एंप्लॉयीज पेंशन स्कीम (EPS) नियमों के तहत 26 सितंबर, 2008 से पहले रिटायर होने वाले ईपीएफओ के मेंबर्स कम्युटेड पेंशन के रूप में पेंशन की कुल रकम का अधिकतम एक तिहाई एकमुश्त (कम्युटेड) ले सकते थे, जबकि बाकी दो तिहाई रकम उन्हें जीवनभर पेंशन के रूप में मिलती थी। ईपीएफ के मौजूदा नियमों के तहत, ईपीएफओ के सदस्यों को कम्युटेशन बेनिफिट पाने का विकल्प नहीं मिलता है।
अब 15 साल बाद मिलेगी फुल पेंशन
पीपुल अडवाइजरी सर्विसेज ईवाई इंडिया के निदेशक पुनीत गुप्ता कहते हैं, 'एंप्लॉयी पेंशन स्कीम के पारा 12A के तहत कोई भी कर्मचारी मंथली पेंशन की जगह एक तिहाई कम्युटेड पेंशन (एकमुश्त) का दावा कर सकता था। अब 20 फरवरी, 2020 को जोड़े गए पारा 12B के अनुसार, जिस कर्मचारी ने पारा 12A के तहत कम्युटेड पेंशन ली है, उन्हें 15 साल बाद फुल पेंशन का फायदा मिलेगा।
क्या है कम्युटेशन आफ पेंशन
रिटायरमेंट के दौरान एक कर्मचारी को जितनी बेसिक पेंशन मिलती है वह उसका 40 फीसदी कम्यूट करवा सकता है। सरल भाषा में कहा जाए तो कर्मचारी अपनी सात सालों की पेंशन का 40 फीसदी हिस्सा सरकार से एडवांस में ले लेता है। सरकार हर साल उसकी पेंशन से 8 हजार रुपए काटकर एडवांस में दी गई पेंशन को रिकवर करती है। पहले ये कटौती पेंशनर की पेशन से आखिर तक की जाती थी लेकिन अब नई व्यवस्था में यह रिटायरमेंट के 15 साल तक रिकवर की जाएगी। इसके बाद कर्मचारी को उसकी फुल पेंशन का भुगतान किया जाने लगता है।